सावधान ! अगर
UP (PM) के सपने आते हो तो !
एक दोस्त अपनी समस्या लेकर मेरे पास आया
मैंने पूछा, ''भाई क्या हुआ ? आजकल बड़ी परेशानी में दिखता है !"
वो बोला, 'क्या बताऊ भाई प्रॉब्लम बहोत है !'
मै बोला, 'भाई बता दो ! मै कुछ आपकी मदत कर सकता हु !'
जरा सोच विचार करके डरते डरते बोला, 'मेरे प्रॉब्लम बहोत है !'
प्रॉब्लम 1 :- " मुझे खाना खाने का मन नहीं करता ! खाना खाने बैठता हु तो पहले ही पेट भरने का सिग्नल मिल जाता है !"
प्रॉब्लम 2 :- " मुझे डर लगा रहता है की मै कभी भी जेल जा सकता हु ! फिर मैंने देखे और दिखाए हुए सपनों का क्या होगा ? "
प्रॉब्लम 3 :- " मुझे लगता है की मुझे कोई तोड़ देगा ! मेरे इतने तुकडे कर देगा की मै खुद उसे गीन नहीं पाउँगा ! मै फिर एक बार मिट्टी में ही दफ़न हो जाऊंगा ! "
प्रॉब्लम 4 :- " इन सब के कारण रोज मेरा बेड गिला हो रहा है ! "
अब बताओ भाई मै क्या करू ?
मै उसकी प्रॉब्लम समझ गया था ! क्योंकि ऐसे कई पेशंट (मरीज) को मैंने सुधारा था !
थोडा सोचssssssssssss कर,,,,,,,,
मै बोला, " भाई तुझे रोज उ, प्र (UP) के सपने आते है क्या ?",
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच !,
लेकिन आप को कैसे पता चला ?
मै बोला, "भाई तू अकेला इस बीमारी का शिकार नहीं है ! यहाँ ऐसे कई लोग है जो इस बीमारी का शिकार हुए है ! और आज ही नहीं बल्कि पिछले 29 सालो से इस बीमारी ने महारोग का रूप लिया है ! जिससे आप जैसे लोगो का जीना हराम कर के रख दिया है ! "
मै पिछले कई सालो से लोगो को इस बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए काम कर रहा हु !
वो बड़ी गंभीरता से मुझे देखने लगा !
मै बोला, " भाई मैंने खाना खाया या भूका हु आपको मालूम है क्या ? "
वो बोला , " नहीं "
मै बोला , ' फिर तू अपना पेट भर गया ऐसा क्यों समझता है ? दुसरे लोग अपना पेट कैसा भरते है उससे ज्यादा तू अपना पेट कैसे भरता है ? ये ज्यादा महत्वपूर्ण है ! '
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच !,
मै बोला , " भाई अगर मै कोई गलती करू तो सजा किसे मिलेगी ? "
वो बोला , ' तुझे ही सजा मिलेगी '
मै बोला , '' फिर तू क्यों जेल जाने से डर रहा है ? ''
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच ! ''
मै बोला , '' भाई तू कोई पुतला है क्या ? या तू जिंदा है ! ''
वो बोला , " जिंदा "
मै बोला , '' फिर तू क्यों डर रहा है टूटने से ? ''
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच ! ''
मै बोला , '' भाई तू रहता कहा है ? ''
वो बोला , '' महाराष्ट्र ''
मै बोला , '' फिर नमक का हक़ अदा कर ! खाता महाराष्ट्र में है और भेजता UP में ? ''
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच ! ''
मै बोला , '' अब तुझे सपने किस के आयेंगे ? ''
वो बोला , '' भाई बिल्कुल अपने घर के ( महाराष्ट्र के ) ''
मै बोला , वक्त जाने से पहले सुधर जाओ ! ''
जाओ अब तुम्हारे प्रॉब्लम ख़त्म हो गए ! अब न कोई सपना और न ही कोई प्रॉब्लम ! बस सही और गलत की पहचान !
(फ़क्त एक वास्तववादी विरंगुडा) वैचारिक भान ठेउन.......
डॉ. संदीप नंदेश्वर, नागपूर.
मैंने पूछा, ''भाई क्या हुआ ? आजकल बड़ी परेशानी में दिखता है !"
वो बोला, 'क्या बताऊ भाई प्रॉब्लम बहोत है !'
मै बोला, 'भाई बता दो ! मै कुछ आपकी मदत कर सकता हु !'
जरा सोच विचार करके डरते डरते बोला, 'मेरे प्रॉब्लम बहोत है !'
प्रॉब्लम 1 :- " मुझे खाना खाने का मन नहीं करता ! खाना खाने बैठता हु तो पहले ही पेट भरने का सिग्नल मिल जाता है !"
प्रॉब्लम 2 :- " मुझे डर लगा रहता है की मै कभी भी जेल जा सकता हु ! फिर मैंने देखे और दिखाए हुए सपनों का क्या होगा ? "
प्रॉब्लम 3 :- " मुझे लगता है की मुझे कोई तोड़ देगा ! मेरे इतने तुकडे कर देगा की मै खुद उसे गीन नहीं पाउँगा ! मै फिर एक बार मिट्टी में ही दफ़न हो जाऊंगा ! "
प्रॉब्लम 4 :- " इन सब के कारण रोज मेरा बेड गिला हो रहा है ! "
अब बताओ भाई मै क्या करू ?
मै उसकी प्रॉब्लम समझ गया था ! क्योंकि ऐसे कई पेशंट (मरीज) को मैंने सुधारा था !
थोडा सोचssssssssssss कर,,,,,,,,
मै बोला, " भाई तुझे रोज उ, प्र (UP) के सपने आते है क्या ?",
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच !,
लेकिन आप को कैसे पता चला ?
मै बोला, "भाई तू अकेला इस बीमारी का शिकार नहीं है ! यहाँ ऐसे कई लोग है जो इस बीमारी का शिकार हुए है ! और आज ही नहीं बल्कि पिछले 29 सालो से इस बीमारी ने महारोग का रूप लिया है ! जिससे आप जैसे लोगो का जीना हराम कर के रख दिया है ! "
मै पिछले कई सालो से लोगो को इस बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए काम कर रहा हु !
वो बड़ी गंभीरता से मुझे देखने लगा !
मै बोला, " भाई मैंने खाना खाया या भूका हु आपको मालूम है क्या ? "
वो बोला , " नहीं "
मै बोला , ' फिर तू अपना पेट भर गया ऐसा क्यों समझता है ? दुसरे लोग अपना पेट कैसा भरते है उससे ज्यादा तू अपना पेट कैसे भरता है ? ये ज्यादा महत्वपूर्ण है ! '
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच !,
मै बोला , " भाई अगर मै कोई गलती करू तो सजा किसे मिलेगी ? "
वो बोला , ' तुझे ही सजा मिलेगी '
मै बोला , '' फिर तू क्यों जेल जाने से डर रहा है ? ''
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच ! ''
मै बोला , '' भाई तू कोई पुतला है क्या ? या तू जिंदा है ! ''
वो बोला , " जिंदा "
मै बोला , '' फिर तू क्यों डर रहा है टूटने से ? ''
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच ! ''
मै बोला , '' भाई तू रहता कहा है ? ''
वो बोला , '' महाराष्ट्र ''
मै बोला , '' फिर नमक का हक़ अदा कर ! खाता महाराष्ट्र में है और भेजता UP में ? ''
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच ! ''
मै बोला , '' अब तुझे सपने किस के आयेंगे ? ''
वो बोला , '' भाई बिल्कुल अपने घर के ( महाराष्ट्र के ) ''
मै बोला , वक्त जाने से पहले सुधर जाओ ! ''
जाओ अब तुम्हारे प्रॉब्लम ख़त्म हो गए ! अब न कोई सपना और न ही कोई प्रॉब्लम ! बस सही और गलत की पहचान !
(फ़क्त एक वास्तववादी विरंगुडा) वैचारिक भान ठेउन.......
डॉ. संदीप नंदेश्वर, नागपूर.