Wednesday 30 January 2013

सावधान ! अगर UP (PM) के सपने आते हो तो !




सावधान ! अगर UP (PM) के सपने आते हो तो !

एक दोस्त अपनी समस्या लेकर मेरे पास आया
मैंने पूछा,  ''भाई क्या हुआ ? आजकल बड़ी परेशानी में दिखता है !"
वो बोला, 'क्या बताऊ भाई प्रॉब्लम बहोत है !'
मै बोला, 'भाई बता दो ! मै कुछ आपकी मदत कर सकता हु !'
जरा सोच विचार करके डरते डरते बोला, 'मेरे प्रॉब्लम बहोत है !'
प्रॉब्लम 1 :- " मुझे खाना खाने का मन नहीं करता ! खाना खाने बैठता हु तो पहले ही पेट भरने का सिग्नल मिल जाता है !"
प्रॉब्लम 2 :- " मुझे डर लगा रहता है की मै कभी भी जेल जा सकता हु ! फिर मैंने देखे और दिखाए हुए सपनों का क्या होगा ? "
प्रॉब्लम 3 :- " मुझे लगता है की मुझे कोई तोड़ देगा ! मेरे इतने तुकडे कर देगा की मै खुद उसे गीन नहीं पाउँगा ! मै फिर एक बार मिट्टी में ही दफ़न हो जाऊंगा ! "
प्रॉब्लम 4 :- " इन सब के कारण रोज मेरा बेड गिला हो रहा है ! "
अब बताओ भाई मै क्या करू ?
मै उसकी प्रॉब्लम समझ गया था ! क्योंकि ऐसे कई पेशंट (मरीज) को मैंने सुधारा था !
थोडा सोचssssssssssss कर,,,,,,,,
मै बोला, " भाई तुझे रोज उ, प्र (UP) के सपने आते है क्या ?",
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच !,
लेकिन आप को कैसे पता चला ?
मै बोला, "भाई तू अकेला इस बीमारी का शिकार नहीं है ! यहाँ ऐसे कई लोग है जो इस बीमारी का शिकार हुए है ! और आज ही नहीं बल्कि पिछले 29 सालो से इस बीमारी ने महारोग का रूप लिया है ! जिससे आप जैसे लोगो का जीना हराम कर के रख दिया है ! "
मै पिछले कई सालो से लोगो को इस बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए काम कर रहा हु !
वो बड़ी गंभीरता से मुझे देखने लगा !
मै बोला, " भाई मैंने खाना खाया या भूका हु आपको मालूम है क्या ? "
वो बोला , " नहीं "
मै बोला , ' फिर तू अपना पेट भर गया ऐसा क्यों समझता है ? दुसरे लोग अपना पेट कैसा भरते है उससे ज्यादा तू अपना पेट कैसे भरता है ? ये ज्यादा महत्वपूर्ण है ! '
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच !,
मै बोला , " भाई अगर मै कोई गलती करू तो सजा किसे मिलेगी ? "
वो बोला , ' तुझे ही सजा मिलेगी '
मै बोला , '' फिर तू क्यों जेल जाने से डर रहा है ? ''
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच ! ''
मै बोला , '' भाई तू कोई पुतला है क्या ? या तू जिंदा है ! ''
वो बोला , " जिंदा "
मै बोला , '' फिर तू क्यों डर रहा है टूटने से ? ''
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच ! ''
मै बोला , '' भाई तू रहता कहा है ? ''
वो बोला , '' महाराष्ट्र ''
मै बोला , '' फिर नमक का हक़ अदा कर ! खाता महाराष्ट्र में है और भेजता UP में ? ''
वो बोला, ' हाँ भाई ' बिल्कुल सच ! ''
मै बोला , '' अब तुझे सपने किस के आयेंगे ? ''
वो बोला , '' भाई बिल्कुल अपने घर के ( महाराष्ट्र के ) ''
मै बोला , वक्त जाने से पहले सुधर जाओ ! ''
जाओ अब तुम्हारे प्रॉब्लम ख़त्म हो गए ! अब न कोई सपना और न ही कोई प्रॉब्लम ! बस सही और गलत की पहचान !

(फ़क्त एक वास्तववादी विरंगुडा) वैचारिक भान ठेउन.......
डॉ. संदीप नंदेश्वर, नागपूर.  

Tuesday 19 June 2012

आज इस कदर द्वेष मूलक भावनाओंको पैदा किया जा रहा है ताकि यह समाज फिर अपना सर उठा कर चल न सके. इन्द्रनील खैरे जैसे लोग उसी कड़ी का हिस्सा है ! इन्हें बसपा के माध्यम से जो ट्रेनिंग दी जा रही है वही यह बहार आकर चिल्लाते है ! सही मायने में राजनीती की चौकट के यह कुत्ते कभी किसी समाज का, विचारधारा का और किसी परिवर्तनवादी महापुरुशोंका प्रतिनिधित्वा नहीं कर सकते ! हमें फिर एक बार ४० साल पहले शुरू हुए उस दौर को एक नए सिरे से सोचना होगा ! क्या हमने सही बाबासाहब और बुद्ध को लोगो के दिमाग में डाला या फिर खुद को महापुरुष और महामाया बनाने के लिए पुरे कौम को बदनाम कर आम्बेद्कारी समाज को जिल्लत भरी नजरो से देखने पर मजबूर किया ! यह प्रक्रिया आज की नहीं है ! कई सालो से यह चल रही है ! और आज इस कड़ी का अंतिम चरण आ चूका है ! अगर इस वक्त यह परिस्थितिया नहीं सुधर सकी तो आनेवाले दिन इनके जबान से आवाज भी निकालने नहीं देंगे ! सिर्फ बसपा ही नहीं बल्कि ऐसे कई संघटन है जो बाबासाहब और बुद्ध को अपमानित करने के लिए काम कर रहे है ! जिनमे प्रमुखातःसे बामसेफ, मुक्ति मोर्चा, संगोष्टी, मूलनिवासी इ. पूरी जोर शोर से आम्बेद्कारी विचारधारा को तोड़ मरोड़ करने के लिए लगे है ! विरोधियोंके हस्तक बनकर अपने ही हमें तोड़ने लगे है ! अब यह जिम्मेवारी उन लोगो की है जिन लोगो ने रिअल बाबासाहब पढ़ा है ! और आज की वास्तवता में आम्बेद्कारी विचारोंका सही इस्तमाल करना सिखा है ! (राजनीती छोड़ कर) सिर्फ और सिर्फ राजनीती के कारन इन लोगो ने कई पीढ़िया बर्बाद की है और आनेवाली पीढ़ी बर्बाद करने जा रहे है ! ऐसे दिडदमड़ी के आम्बेडकरवादियोंसे सावधान रहना और इन्हें इनकी असली पहचान दिलाना जरुरी है !

राजनितिक सत्ता की दुकानदारी

राजनितिक सत्ता की दुकानदारी और सामाजिक विचारधाराओंका मॉल इसमे बड़ा अंतर होता है ! परिवर्तनवादी विचारधाराओंको सत्ता की दुकानदारी चलाने से अच्छा है की वो अपने विचार और सिद्धांत का ऐसा व्यवहारवादी मॉल चलाये जिसमे कोई भी इन्सान अपने जीवन की सफलता प्राप्त करने का रास्ता अवगत कर सके ! सामाजिक सत्ता समतामूलक समाज के निर्मिती में सहाय्यक होती है ! बल्कि राजनितिक सत्ता अपने गंतव्य को कभी भी हासिल नहीं कर सकती ! डॉ. बाबासाहब की अवधारण सामाजिक सत्ता से है ! "शासनकर्ती जमात" की अवधारना समतामूलक समाज के निर्मिती से जुडी है ! जिसमे कोई उंच-नींच न रहे ! कोई न्याय से वंचित न रहे ! कोई अधिकार से वंचित न रहे ! व्यवस्था के केंद्र में धर्म, जात से निजात पाकर मनुष्यमात्र का विकास यह एकमात्र (प्रथम कल्याण ! मध्य कल्याण ! अंत कल्याण ) उद्देश रहे ! भारतीय संविधान के तहत इस अवधारण को अपनाया गया ! लेकिन इसे सुचारू रूप से समाज में अवगत कराने की नैतिक जिम्मेवारी जिस समूह की थी वह समूह राजनितिक सत्ता के शतरंज होने के कारन इसे सफलता नहीं मिल सकी ! आज फिर एक बार जरुरत है बाबासाहब की उस सामाजिक अवधारण को फिर एक बार गतिमान करने की ! जिस दिन यह सामाजिक अवधारण जनजन के मस्तिष्क में फैलेगी ! उस दिन सत्ता से इस समूह को कोई रोक नहीं सकता ! आज की परिस्थितियों से हमें अवगत होना पड़ेगा ! सत्ता हासिल करना बहोत कठिन नहीं ! जितना कठिन है परिवर्तनवादी बाबासाहब की सामाजिक अवधारण को समाज के व्यवहार में लाना ! हमारे बढ़ते हुए राजनितिक सत्ता के कदम रोक कर सामाजिक न्याय की गतिशील अवधारण को बाबासाहब के परिप्रेक्ष में समाज व्यवहार में लाना जरुरी है !
आओ चलो प्रण करे !
राजनितिक सत्ता नहीं सामाजिक सत्ता लाना है !
चुनाव से नहीं बल्कि विचारोंसे देश को जितना है !
---डॉ. संदीप नंदेश्वर, नागपुर. ९२२६७३४०९१  

Wednesday 14 September 2011

मानव की सुरक्षा

मानव की सुरक्षा

कफ़न बेचकर खाने वालो
जरा अपने लिए
दो गज जमीन तो तैयार करो !

कव्वे को खाना खिलाने वालो
जरा उनकी सुरक्षा के लिए
घौसले को तो पहले सुरक्षित करो !

स्वर्ग, मोक्ष की दुहाई देकर मंदिर सजाने वालो
मानव की सुरक्षा के लिए
पहले गरीबो की रोजी रोटी तैयार करो !
---प्रा. संदीप नंदेश्वर, नागपुर, ८७९३३९७२७५


Tuesday 13 September 2011

गलती किसकी

दोस्तों बाबासाहब आम्बेडकरजी ने इस देश और दुनिया का जो अध्ययन किया है ! और जो तर्क दिए है ! उसे दुनिया में कोई तोड़ नहीं है ! आजतक बाबासाहब जैसा न कोई हुआ है और न ही कोई होगा ! इसलिए बाबासाहब ही हमारे लिए प्रथम और बाबासाहब ही हमारे लिए अंतिम होने चाहिए ! कुछ लोगो ने हमारे समाज में बाबासाहब से भी बढकर महापुरुष खुद को घोषित करने की कोशिश की है ! उन्होंने  खुद बाबासाहब को पढ़ा है ! और न ही औरोंको पढ़ने दिया ! बस उन्हो ने कही हुई बात मानो तो आप बाबासाहब की सही औलाद हो ! वरना चमचे और भड़वे हो ! ऐसा गलत सन्देश देकर हमे मानसिक गुलाम बनाया है ! मै आप को यहाँ पर एक उदहारण देना चाहता हु !
------उदा.-----"कांग्रेस ये जलता हुआ घर है, उससे दूर रहो !" ऐसा हमें बताया गया है ! हमने उसे सही माना ! लेकिन उन्होंने इसका सन्दर्भ कभी नहीं बताया ! मै बताता हु !
-----२५ मई १९४८ के लखनाउ के भाषण में बाबासाहब ये कहते है की, "आज कांग्रेस की स्थिति जलते घर के समान हुई है ! समाजवादी पार्टी कांग्रेस से दूर जा रही है ! मार्क्सवादी कांग्रेस के साथ काम करने के लिए तैयार नहीं है ! कांग्रेस और कितने दिनों तक बनी रहेंगी इसके लिए मै शाशंक हु !  और ऐसे समय में अगर हम कांग्रेस में प्रवेश करेंगे तो कांग्रेस के हाथ मजबूत होंगे ! मै अगर उनके मंत्रिमंडल में काम कर रहा हु तो वो भी बिना किसी शर्त पर ! मै कभी भी वह से बहार निकल सकता हु ! मै अपने लोगो के अधिकार के लिए वह हु ! लेकिन आप लोग उनके साथ जुड़े तो कभी बहार नहीं निकल पाओगे ! इसलिए मै विनती करता हु की आप लोग कांग्रेस में प्रवेश न करे !"--------(सन्दर्भ ----भाषण और लेखन खंड-१८, भाग- ३)
------इस बात को कुछ सिरफिरे लोगो ने अपने लोगो के विरुद्ध में उपलोग कर कर हमारे लोगो को भटकाया है ! बाबासाहब ने किया हुआ कांग्रेस सम्बन्धी वक्तव्य उपरोक्त होने के बाद भी ये कभी नहीं बताया ! क्यों ? किसलिए ? सोचो ?
----अगर आज बाबासाहब होते तो क्या बीजेपी के साथ समर्थन करने को कहते अगर आज बाबासाहब होते तो आर एस एस जैसे बीजेपी का विरोध नहीं करते ? क्या जातिवादी पक्ष के साथ जाना चाहते ?----------सोचो------
मेरी आप से ये गुजारिश है की.....बाबासाहब के भाषण और खंड पढ़िए---- बाबासाहब ने लिखी हुई किताबे पढ़िए-------- न की किसी और ने लिखी हुई किताबे !
खुद पढ़कर सच्चाई को जानिए और परखिये ! --------न की किसी के भड़काऊ और बेन्बी के देठ से दिए गए भाषण को सच मानिये !
अपनी खुद की आँखों और दिमाग पर विश्वास कीजिये ! ----न की किसी और ने कही बातो पर !
इतना भी करोगे तो बाबासाहब के मिशन को चलाने वाले सच्चे भिमसैनिक बन जाओगे ! मेरी शुभकामनाये आप के साथ है !
--------आप की प्रतिक्रिया जरुर दे-----आप सभी के प्रतिक्रिया का स्वागत है ---------------------------
-------जय भीम----------प्रा. संदीप नंदेश्वर----------------